बिहार के लोगों ने Intensive Voter Revision के लिए मांगे जाने वाले प्रमाण पत्र पर क्या कहा?
चुनाव आयोग ने “विशेष गहन पुनरीक्षण” (Special Intensive Revision) के निर्देश जारी किए हैं। इसकी शुरुआत बिहार से हो रही है। चुनाव आयोग के अधिकारी घर घर जा रहे हैं और लोगों को एन्यूमरेशन फॉर्म दे रहे हैं। 1 महीने के अंदर एन्यूमरेशन फॉर्म में दर्ज 11 सरकारी प्रमाण पत्र में से किसी एक प्रमाण पत्र को संलग्न एन्यूमरेशन फॉर्म को चुनाव आयोग के अधिकारी के पास जमा करना है। जो फॉर्म जमा करने में असफल रह जाएगा या फॉर्म जमा करेगा मगर प्रमाण पत्र नहीं जमा करेगा वह अपने वोट के अधिकार को खो देगा। तो इस वीडियो में बिहार के गांव देहात के कुछ लोगों से बात कर यही जानने की कोशिश की गई है कि उनके पास किस तरह के प्रमाण पत्र मौजूद है? बातचीत में यही पता चला कि ज्यादातर लोगों के पास आधार कार्ड और वोटर आईडी के अलावा कोई दूसरा प्रमाण पत्र नहीं है। देखिएगा।
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